इस बार दीवाली की रोशनी सिर्फ दीयों से नहीं, बल्कि नई कारों की हेडलाइट्स से भी जगमगाएगी. शहरों में चमकते शोरूम, गांव-कस्बों में बुकिंग की होड़ और सोशल मीडिया पर “डिलीवरी डे” की तस्वीरें. ये सब एक नई कहानी लिख रहे हैं. बीते 22 सितंबर को हुए जीएसटी रिफॉर्म ने बाजार को पूरी तरह से बदल दिया है, ख़ास तौर पर ऑटो सेक्टर में इसका तगड़ा असर देखने को मिल रहा है. यानी देश अब त्योहारों का नहीं, बल्कि चार पहियों वाली रफ्तार का भी जश्न मना रहा है.
Grant Thornton Bharat की नई रिपोर्ट ने ये साफ़ कर दिया है कि, इस बार फेस्टिव सीज़न में देशभर में कार खरीदारी का बूम आ गया है. लोग खुलकर खरीदारी कर रहे हैं, डीलरशिप्स पर भीड़ उमड़ रही है और गाड़ियों की डिलीवरी का इंतज़ार अब “त्योहार की रस्म” बन चुका है. और इस पूरे उत्साह के पीछे है सरकार का GST 2.0 सुधार, जिसने इंडियन ऑटो मार्केट में नई जान फूंक दी है.
कुछ यूं… बदले हालात
सोचिए, कुछ महीने पहले तक हालात अलग थे. लोग कह रहे थे कि “अभी कार मत खरीदो, टैक्स घटेगा तो फायदेमंद रहेगा.” लेकिन जैसे ही GST में बदलाव की घोषणा हुई, बाजार में रौनक लौट आई. डीलरशिप्स पर भीड़ बढ़ने लगी, और लोगों ने कहा — “अब देर किस बात की.” रिपोर्ट के अनुसार करीब 41 फीसदी उपभोक्ता अगले 3 से 4 महीनों में नई कार खरीदने की योजना बना रहे हैं. दिलचस्प बात यह है कि इनमें से 72 फीसदी लोग पहले खरीदारी टाल चुके थे, ताकि टैक्स दरों में राहत का फायदा उठा सकें.
बदल रहा है ‘बाइंग बिहैवियर’
इस बदलाव का असर केवल वाहनों की बिक्री पर ही नहीं बल्कि लोगों की बाइंग बिहैवियर पर भी देखने को मिल रहा है. अब लोग सिर्फ कीमत या माइलेज पर नहीं, बल्कि टेक्नोलॉजी, सेफ्टी और फ्यूल इफिशिएंसी जैसे मुद्दों पर भी ध्यान दे रहे हैं. सर्वे बताता है कि 38% खरीदार अब हाइब्रिड कारों की ओर झुक रहे हैं. पेट्रोल कारों को 30 फीसदी द्वारा पसंद किया जा रहा है, जबकि 21% उपभोक्ता इलेक्ट्रिक वाहनों में रुचि दिखा रहे हैं. यह इशारा है कि भारत अब धीरे-धीरे एक ‘ट्रांज़िशन पीरियड’ से गुजर रहा है, जहां EV की तरफ बढ़ने से पहले लोग हाइब्रिड को मध्य रास्ता मान रहे हैं.
सेफ्टी पर बढ़ता फोकस
SUV सेगमेंट की कहानी भी कम दिलचस्प नहीं है. भारत में SUV का क्रेज लगातार बढ़ रहा है. रिपोर्ट के मुताबिक 64% लोग SUV खरीदना पसंद कर रहे हैं, और यही वजह है कि पिछले वित्त वर्ष में SUV बिक्री कुल कार मार्केट का करीब 65 फीसदी हिस्सा रही. वहीं, सुरक्षा को लेकर भी भारतीय ग्राहक पहले से कहीं ज़्यादा जागरूक हो गए हैं. करीब 34 फीसदी उपभोक्ताओं ने कहा कि वे कीमत या माइलेज से ज़्यादा सेफ्टी फीचर्स को प्राथमिकता देते हैं.
एक्सपीरियंस-ओरिएंटेड होते ग्राहक
यह भी दिलचस्प है कि अब ग्राहक थोड़ा ज़्यादा खर्च करने को तैयार हैं. रिपोर्ट बताती है कि 35 फीसदी से अधिक उपभोक्ता अच्छे वेरिएंट के लिए अतिरिक्त भुगतान करने में हिचकिचाते नहीं. 65 फीसदी तक ने कहा कि अगर प्रीमियम फीचर्स मिलें तो वे 10 से 15 फीसदी अधिक कीमत देने को तैयार हैं. यानी अब भारतीय बाजार “वैल्यू-ओरिएंटेड” नहीं बल्कि “एक्सपीरियंस-ओरिएंटेड” होता जा रहा है.
किन वजहों से लोग खरीदना चाहते हैं कार
– ग्रांट थॉर्नटन भारत के रिपोर्ट के अनुसार, सबसे बड़ा हिस्सा, 40% लोग अपने मौजूदा वाहन को अपग्रेड करने के लिए नई गाड़ी खरीद रहे हैं. यानी ज्यादातर खरीदार पुराने वाहन को बदलकर बेहतर, अधिक आधुनिक और सुविधाजनक विकल्प चुनना चाहते हैं.
– इसके बाद 35% लोग व्यक्तिगत उपयोग या रोज़मर्रा की यात्रा के लिए वाहन खरीदने की योजना बना रहे हैं. यह दर्शाता है कि व्यक्तिगत सुविधा और कम्यूटिंग की जरूरत भी वाहन खरीदने का बड़ा कारण बन गई है.
– 18% लोग परिवार के लिए अतिरिक्त वाहन खरीदने की सोच रहे हैं. इसका मतलब है कि परिवार की बढ़ती जरूरतों और सुविधा के लिए भी वाहन खरीदने की मांग बढ़ रही है.
– छोटा हिस्सा, 5% लोग अन्य कारणों से वाहन खरीद रहे हैं, जबकि 2% लोग शादी या वैवाहिक अवसरों के लिए वाहन खरीदने की योजना बना रहे हैं.
डिजिटल प्लेटफॉर्म की भूमिका
कार खरीदने के इस नए दौर में डिजिटल प्लेटफॉर्म भी अहम भूमिका निभा रहे हैं. सर्वे के अनुसार 52 फीसदी खरीदार अब ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों माध्यमों से जानकारी जुटाते हैं. सोशल मीडिया और कार एप्स इस प्रक्रिया का बड़ा हिस्सा बन चुके हैं. सोशल मीडिया से 35 फीसदी लोग कारों की जानकारी लेते हैं, जबकि 23 फीसदी कार ऐप्स पर भरोसा करते हैं.
बदल गया जीएसटी स्ट्रक्चर
GST 2.0 की सबसे बड़ी राहत छोटे कार खरीदारों के लिए आई है. छोटे वाहनों पर GST दर 28 फीसदी से घटाकर 18 फीसदी कर दी गई है, जिससे खरीद लागत में लगभग 1 लाख रुपए तक की बचत हो सकती है. इसका सबसे बड़ा असर टियर-2 और टियर-3 शहरों में दिख रहा है, जहां अब पहले से कहीं ज़्यादा ग्राहक नई कारों की बुकिंग कर रहे हैं.
नवरात्रि के दौरान पैसेंजर व्हीकल की रिटेल बिक्री में 34 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई है. यह सिर्फ नए मॉडल्स या फेस्टिव डिस्काउंट का असर नहीं, बल्कि ग्राहकों के आत्मविश्वास की वापसी का संकेत है. ब्याज दरों की स्थिरता, लोकल इंकम में वृद्धि और इलेक्ट्रिक वाहनों पर प्रोत्साहन योजनाओं ने भी बाजार को मज़बूती दी है.
Grant Thornton Bharat के ऑटो एक्सपर्ट सकेत मेहरा ने कहा है कि, यह बदलाव सिर्फ एक मौसमी ट्रेंड नहीं, बल्कि भारतीय उपभोक्ता के मानसिकता में स्थायी परिवर्तन का संकेत है. उनके मुताबिक हाइब्रिड तकनीक की बढ़ती मांग, सेफ्टी पर बढ़ता ध्यान और प्रीमियम फीचर्स की चाह भारत के अगले मोबिलिटी युग की दिशा तय करेंगे.
कंपनियों को समझना होगा कस्टमर बिहैवियर
अब चुनौती ऑटोमोबाइल कंपनियों और डीलर्स की है. उन्हें इस बदलते ग्राहक व्यवहार को समझना होगा. बेहतर फाइनेंसिंग विकल्प, आकर्षक वेरिएंट्स और डिजिटल अनुभव पर ज़ोर देना होगा. यह त्योहार का मौसम सिर्फ बिक्री का अवसर नहीं, बल्कि भारत के ऑटो सेक्टर के भविष्य का संकेत भी है.
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